बुधवार, 25 अक्टूबर 2023

विद्यालय में प्रातःकालीन प्रार्थनाएं - सभी बच्चे याद करें।

विद्यालय के सभी छात्र इन प्रार्थनाओं को 30 अक्टूबर 2023 तक याद कर लेंगे। 

1

वन्दे मातरम् 

वन्दे मातरम्

सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् 

शस्यश्मयामलां मातरम् ।

वन्दे मातरम्

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं 

फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं 

सुहासिनीं सुमधुरभाषिणीं 

सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। 

वन्दे मातरम् ।


2

जन गण मन अधिनायक जय हे 

भारत भाग्य विधाता। 

पंजाब सिंध गुजरात मराठा

द्राविड़ उत्कल बंग। 

विंध्य हिमाचल यमुना गंगा 

उच्छल जलधि तरंग। 

तव शुभ नामे जागे 

तव शुभ आशीष मागे।

गाहे तव जयगाथा। 

जन गण मंगलदायक जय हे 

भारत भाग्य विधाता। 

जय हे, जय हे, जय हे 

जय जय जय जय हे॥

3

सुबह सबेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरू आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरू आज का काम प्रभु ।

शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,

विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।

शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,

विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।

विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।

तुम्ही से है आगाज़ तुम्हीं से अंजाम प्रभु,

करते है हम शुरू आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरू आज का काम प्रभु ।

गुरुओं का सत्कार कभी ना भूले हम,

इतना बनें महान गगन को छू लें हम ।

गुरुओं का सत्कार कभी ना भूले हम,

इतना बनें महान गगन को छू लें हम ।

 इतना बनें महान गगन को छू लें हम ।

तुम्हीं से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु।

करते है हम शुरू आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरू आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु।

4

तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो ॥

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो ॥

तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे ।

कोई ना अपना सिवा तुम्हारे ॥

तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे ।

कोई ना अपना सिवा तुम्हारे ॥

तुम ही हो नईया, तुम ही खिवईया ।

तुम ही हो बंधु सखा तुम ही हो ॥

तुम ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो ॥

जो खिल रहे हैं वो फूल हम हैं ।

तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं ॥

जो खिल रहे हैं वो फूल हम हैं ।

तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं ॥

दया की दृष्टि, सदा ही रखना ।

तुम ही हो बंधु सखा तुम्ही हो ॥

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो ॥ै

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो ॥

5

दया कर दान विद्या का

दया कर दान विद्या का,

हमें परमात्मा देना,

दया करना हमारी आत्मा में 

शुद्धता देना ।

हमारे ध्यान में आओ,

प्रभु आँखों में बस जाओ,

अँधेरे दिल में आकर के,

प्रभु ज्योति जगा देना ।

बहा दो ज्ञान की गंगा,

दिलों में प्रेम का सागर,

हमें आपस में मिल-जुल के,

प्रभु रहना सीखा देना ।

हमारा धर्म हो सेवा,

हमारा कर्म हो सेवा,

सदा ईमान हो सेवा,

व सेवक जन बना देना ।

वतन के वास्ते जीना,

वतन के वास्ते मरना,

वतन पर जाँ फिदा करना,

प्रभु हमको सीखा देना ।

दया कर दान विद्या का,

हमें परमात्मा देना,

दया करना हमारी आत्मा में,

शुद्धता देना ।

6

इतनी शक्ति हमें देना दाता,

मन का विश्वास कमजोर हो ना

हम चलें नेक रस्ते पे,

हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना

दूर अज्ञान के हो अँधेरे

तू हमें ज्ञान की रोशनी दे

हर बुराई से बच के रहें हम

जितनी भी दे भली ज़िन्दगी दे

बैर हो ना किसी का किसी से

भावना मन में बदले की हो ना

इतनी शक्ति हमें देना दाता,

मनका विश्वास कमजोर हो ना

हम चलें नेक रस्ते पे,

हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना

हम न सोचें हमें क्या मिला है

हम ये सोचें किया क्या है अर्पण

फूल खुशियों के बांटें सभी को

सबका जीवन ही बन जाए मधुबन

अपनी करुणा को जल तू बहा के

कर दे पावन हर एक मन का कोना

इतनी शक्ति हमें देना दाता,

मनका विश्वास कमजोर हो ना

हम चलें नेक रस्ते पे,

हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना।।

एक होमवर्क ऐसा भी .......

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